सुनो, तुम घबराना नहीं भ्रमित लोंगो से,
कोई भ्रम की दीवार तुम्हारी उड़ान से ऊंची नहीं |
ठहर मत जाना किसी ओस की बूँद समान,
घडी की सुइयां तेरे लिए रुकेगी नहीं |
चाहे निकल पड़ें तेरे अपने तेरा इमान बेचने को,
तू अपने हौसलों को सदा सलाम करना,
ये दुनिया बाँधेगी तुझे जंजीरों में,
पर तू किसी का गुलाम मत बनना।
डरना मत जब अच्छाई को तेरी अंधकार निगल जाये,
चारों दिशाओं में अपना वर्चस्व न देख पाए
किस्मत की लकीरों में सवेरा भी है लिखा कहीं,
कहतें हैं उद्द्यमी को ये वक़्त डरा सका नहीं
चाहे मंजिल पहले ही राहें ख़त्म हो जाएं
मन में अटूट विश्वास लिए तू खुद अपनी राह बुनना
विपत्तियां गले लगाएंगी
पर तू किसी का गुलाम मत बनना।
देखना मत इन काल्पनिक पिंजरों को
वक़्त के साथ उड़ना भी सीख जायेगा
तू खोना मत अपने अरमानो को
अच्छा वक़्त पूरी कायनात साथ लाएगा
चाहे सब यार बिछड़ जाएं
तू भरोसा रख उनका इंतज़ार करना
नीरसता तुझसे मिलने आएगी
पर तू उसका गुलाम मत बनना
Apoorva Gupta